Koun Hai -Chirag Paswan
Koun Hai - Chirag Paswan
चिराग पासवान, भारतीय राजनीतिक नेता और विचारक, ने अपनी युवावस्था से ही सामाजिक कार्य में गहरी रुचि और सक्रियता दिखाई। उन्होंने बीते कई वर्षों में भारतीय राजनीति के कई मुद्दों पर अपने विचार प्रस्तुत किए हैं। चिराग पासवान का जन्म 31 दिसम्बर 1982 को हुआ था। उनका जन्म बिहार के मधुबनी जिले के खगड़िया नामक स्थान पर हुआ था। उनके पिता का नाम रामविलास पासवान है जो कि बिहार के माने जाने वाले नेता रहे हैं।
चिराग पासवान ने अपनी शिक्षा की आधी अपने गांव में और आधी पटना में पूरी की। उन्होंने पटना सिंथेटिक स्कूल से अपनी माध्यमिक शिक्षा पूरी की और फिर बिहार स्कूल एवं उच्च माध्यमिक बोर्ड, पटना से इंटरमीडिएट पास किया। उन्होंने फिर विश्वविद्यालय से अपनी स्नातक की डिग्री प्राप्त की।
चिराग पासवान ने राजनीति में अपना करियर शुरू किया और उन्होंने 2014 में लोकसभा चुनावों में अपने पिताजी के पार्टी बीजेपी से चुनाव लड़ा था। लेकिन उन्हें इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।
चिराग पासवान ने 2015 में भारतीय राजनीति के एक नए चेहरे के रूप में अपना दावा किया और वे बिहार में एक सांसद के रूप में उपाधिकृत हुए। उन्होंने बिहार की राजनीति में नई ऊर्जा और दिशा देने का काम किया है। उन्होंने युवाओं को राजनीतिक जागरूकता बढ़ाने के लिए कई अभियान चलाए हैं। उनकी युवा शक्ति को एकत्रित करने और सोच को समाज में बदलाव लाने के लिए उन्होंने बड़े पैमाने पर प्रयास किये हैं।
चिराग पासवान ने भारतीय राजनीति के कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने विचार रखे हैं। उन्होंने बिहार में विकास और सामाजिक न्याय के मुद्दे पर अपने विचार प्रस्तुत किए हैं। उन्होंने युवाओं के लिए रोजगार और शिक्षा को महत्वपूर्ण मुद्दा बनाया है। वे भारतीय युवा और राजनीतिक कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गए हैं।
नई दिल्ली:
लोकसभा चुनाव (Bihar Election Results 2024) परिणाम का रुझान अब ये साफ कर रहे हैं कि इस बार भारतीय जनता पार्टी और एनडीए गठबंधन को जितने सीटों की उम्मीद थी वो उसे हासिल नहीं कर पाएंगे. बिहार और उत्तर प्रदेश में एनडीए के हाथ से कई सीटें निकलते भी दिख रही हैं. लेकिन एनडीए के घटक दल लोकजन शक्ति पार्टी (रामविलास) के लिए आम चुनाव 2024 एक वरदान की तरह साबित हुआ है. आपको बता दें कि लोकजनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान को पीएम मोदी का हनुमान भी कहकर बुलाया जाता है. इस बार के चुनाव में चिराग की पार्टी ने जिस तरह का प्रदर्शन किया है वो उन्हें मिली उपाधि को सही साबित करता है.
आपको बता दें कि बिहार में एनडीए गठबंधन के तहत लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) को कुल पांच सीटों पर ही उम्मीदवार उतारने का मौका मिला था. ये सीटें थीं हाजीपुर- जहां से खुद चिराग पासवान चुनाव लड़ रहे हैं औऱ बड़े अंतर से जीत की ओर भी बढ़ रहे हैं, दूसरी सीट है वैशाली- यहां से वीणा देवी बड़े अंतर से आगे चल रही हैं. तीसरी सीट जमुई - यहां से अर्चना कुमारी बड़े अंतर से आगे चल रही हैं. चौथी सीट है समस्तीपुर यहां से शामभवी आगे चल रही हैं. और पांचवीं और आखिरी सीट है खगड़िया. इस सीट से लोकजनशक्ति पार्टी के राजेश वर्मा आगे चल रहे हैं. लोकजनशक्ति पार्टी के इस शानदार प्रदर्शन के बाद चिराग पासवान मीडिया के सामने आए. उनके चेहरे पर जीत की खुशी और गुलाल दिख रहा था. उनके चेहरे पर एक ऐसी खुशी थी, मानों उन्हें लग रहा हो कि वह अब किसी के भरोसे पर पूरी तरह से खड़े उतर चुके हैं
समाप्ति :
चिराग पासवान के लिए ये जीत इसलिए भी खास है क्योंकि पिता रामविलास पासवान के निधन के बाद जिस तरह से अपने चाचा से उनके राजनीतिक मतभेद बढ़े और एक समय पर उनके पिता द्वारा खड़ी की गई पार्टी का कंट्रोल ही उनके पास से छीन लिया गया था वो बेहद हैरान करने वाला था. लेकिन इन सब के बावजूद भी चिराग पासवान ने हार नहीं मानी. उन्होंने अपने बल पर अपने गुट के लोगों को एकजुट किया और पार्टी कार्यकर्ताओं को जमीनी स्तर पर तैयार किया. चुनाव से ठीक पहले उन्होंने अपनी उन कमियों पर भी काम किया जिसकी वजह से पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर खड़ा किया जा सके.